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जानिये उद्यम सिंह नगर के बारे में || Know about Udham Singh Nager

उधमसिंहनगर, उत्तराखंड का एक खूबसूरत जिला, जो कुमाऊँ मंडल के अंतर्गत आता है, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध इतिहास के लिए जाना जाता है। यह उत्तराखंड के 13 जिलों में से एक है और राज्य के दक्षिणी हिस्से में बसा है। इसकी पूर्वी सीमा नेपाल से लगती है, जबकि पश्चिम में यह उत्तर प्रदेश के जिलों से घिरा है। जिला मुख्यालय रुद्रपुर शहर में स्थित है, जो इस क्षेत्र का दिल माना जाता है। पहले यह नैनीताल जिले का हिस्सा था, लेकिन 1995 में इसे अलग जिला बनाया गया। आइए, इस जिले की खासियत और रोचक तथ्यों को जानते हैं।

उधमसिंहनगर का इतिहास

उधमसिंहनगर का गठन 1995 में हुआ, जब इसे नैनीताल के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से से अलग किया गया। उस समय उत्तर प्रदेश की मायावती सरकार ने इसकी नींव रखी थी। साल 2000 में उत्तराखंड राज्य बनने के बाद यह इसका हिस्सा बना। पहले यह उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र था, जिसे “कुमाऊँ का प्रवेश द्वार” कहा जाता था। इतिहासकारों के अनुसार, 1588 में मुगल सम्राट अकबर ने इस इलाके को राजा रुद्र चंद को सौंपा था। माना जाता है कि रुद्रपुर का नाम इसी राजा के नाम पर पड़ा। बाद में, इस जिले का नाम स्वतंत्रता सेनानी उधम सिंह की याद में रखा गया, जिन्होंने अंग्रेजी शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी।

भौगोलिक स्थिति

उधमसिंहनगर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से लगभग 260 किलोमीटर और दिल्ली से 265 किलोमीटर दूर है। यह जिला उत्तर में नैनीताल और चंपावत, पूर्व में नेपाल, और दक्षिण-पश्चिम में उत्तर प्रदेश के बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, पीलीभीत, और बिजनौर जिलों से घिरा है। यहाँ की मुख्य नदियाँ गौला, कोसी, और शारदा हैं, जो इस क्षेत्र को उपजाऊ बनाती हैं। 2542 वर्ग किलोमीटर में फैला यह जिला कुमाऊँ की तराई का एक शानदार हिस्सा है।

संस्कृति और विविधता

उधमसिंहनगर को “मिनी हिंदुस्तान” भी कहा जाता है, क्योंकि यहाँ कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, और दक्षिण भारत के लोगों की संस्कृति का मेल देखने को मिलता है। यहाँ की आबादी में विभिन्न धर्मों और परंपराओं का संगम है, जो इसे एकता का प्रतीक बनाता है। यहाँ बोली जाने वाली मुख्य भाषाएँ हिंदी, पंजाबी, और अंग्रेजी हैं।

जनसंख्या और शिक्षा

2011 की जनगणना के अनुसार, उधमसिंहनगर की आबादी करीब 16 लाख 49 हजार थी, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में 10 लाख 67 हजार और शहरी क्षेत्रों में 5 लाख 87 हजार लोग रहते थे। पुरुषों की संख्या 8 लाख 59 हजार और महिलाओं की 7 लाख 90 हजार थी, जिससे लिंगानुपात 933 रहा। वर्तमान में (2025 तक) इसकी आबादी 18 लाख 83 हजार के आसपास होने का अनुमान है। यहाँ की साक्षरता दर 73% के करीब है, जिसमें 6 लाख 96 हजार पुरुष और 5 लाख 9 हजार महिलाएँ शिक्षित हैं। जिले में कई स्कूल और कॉलेज हैं, जो शिक्षा के स्तर को ऊँचा रखते हैं।

अर्थव्यवस्था और खेती

उधमसिंहनगर की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से खेती पर आधारित है। यहाँ की उपजाऊ जमीन धान, गेहूँ, मक्का, मसूर, मटर, सरसों, गन्ना, आलू, अदरक, लहसुन, मिर्च, मूली, और टमाटर जैसी फसलों के लिए मशहूर है। इसके अलावा, आम, लीची, अमरूद, नींबू, और नाशपाती जैसे फल भी यहाँ खूब उगाए जाते हैं। 1780 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में खेती होती है, और प्रति व्यक्ति सालाना आय लगभग 1 लाख 87 हजार रुपये है। यहाँ 5 लाख 93 हजार लोग विभिन्न व्यवसायों जैसे सरकारी नौकरी, प्राइवेट जॉब, खेती, और मजदूरी में लगे हैं। छोटे-बड़े उद्योग, होटल, और रेस्तराँ भी यहाँ की अर्थव्यवस्था को मजबूत करते हैं।

पर्यटन स्थल

उधमसिंहनगर प्राकृतिक और धार्मिक स्थलों से भरा है। यहाँ कुछ प्रमुख जगहें हैं:

  • मोटेश्वर महादेव मंदिर: शिव भक्तों के लिए एक पवित्र स्थल।
  • नानकमत्ता गुरुद्वारा: सिख समुदाय का प्रसिद्ध तीर्थ।
  • गिरी ताल: पिकनिक और बोटिंग के लिए शानदार जगह।
  • द्रोण सागर: पांडवों से जुड़ी पौराणिक झील। ये स्थान यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिकता को दर्शाते हैं।

परिवहन सुविधाएँ

उधमसिंहनगर सड़क और रेल से अच्छी तरह जुड़ा है। यहाँ के मुख्य रेलवे स्टेशन काशीपुर जंक्शन, रुद्रपुर सिटी, और किच्छा हैं। सड़कों पर बस, टैक्सी, और ऑटो सेवाएँ उपलब्ध हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग 74, 87, और 109 यहाँ से होकर गुजरते हैं, जो इसे उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों से जोड़ते हैं।

उधमसिंहनगर क्यों खास है?

यह जिला अपनी विविधता, उपजाऊ भूमि, और शांत वातावरण के लिए मशहूर है। यह उत्तराखंड का तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला और पाँचवाँ सबसे छोटा जिला है। यहाँ की संस्कृति, खेती, और पर्यटन इसे एक अनोखा स्थान बनाते हैं। यह लोकसभा क्षेत्र नैनीताल-उधमसिंहनगर के अंतर्गत आता है।

mydevbhoomi.in पर हम आपको ऐसी जगहों की जानकारी देते हैं, जो इतिहास और प्रकृति का संगम हों। उधमसिंहनगर अपनी खूबसूरती, संस्कृति, और आर्थिक मजबूती के लिए उत्तराखंड का गहना है। अगर आप यहाँ घूमने या बसने की सोच रहे हैं, तो यह जिला आपको निराश नहीं करेगा। हमें कमेंट में बताएँ कि आपको यह जानकारी कैसी लगी और आपकी अगली यात्रा कहाँ की होगी।

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