Welcome to Uttarakhand Tourist History Blog - Explore the Land of Gods!

जानिए भीमताल के विषय में || Know all about Bheemtal

उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित भीमताल एक ऐसी खूबसूरत त्रिभुजाकार झील है, जो पहाड़ों के आंचल में समाई हुई है। यह झील नैनीताल से 25 किलोमीटर की दूरी पर है और ऐसा कहा जाता है कि यह नैनीताल से भी बड़ा और पुराना है। दो किलोमीटर लंबी यह झील अपने शांत वातावरण और किनारे पर बने मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। नैनीताल की खोज से पहले लोग भीमताल को ही महत्व देते थे। आइए, इस लेख में भीमताल के इतिहास, धार्मिक महत्व और आकर्षणों के बारे में जानते हैं।

भीमताल का पौराणिक इतिहास

भीमताल का नाम पांडवों के भाई भीम के नाम पर पड़ा है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब कौरव और पांडवों का युद्ध चल रहा था और पांडव वनवास पर थे, तब भीम यहाँ आए थे। कहते हैं कि भीम ने अपनी भारी-भरकम गदा से धरती पर प्रहार किया, जिससे धरती से पानी की धारा बहने लगी और यही झील बन गई। इसी कारण इस जगह को भीमताल कहा जाने लगा। उस दौरान भीम ने यहाँ भीमेश्वर महादेव मंदिर भी बनाया था। वर्तमान में जो मंदिर है, उसे 17वीं शताब्दी में कुमाऊँ के राजा बाज बहादुर ने बनवाया था। इससे यह भी पता चलता है कि यह शहर नैनीताल से काफी पुराना है।

भीमेश्वर महादेव मंदिर: धार्मिक महत्व

झील के किनारे स्थित भीमेश्वर महादेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यहाँ का मुख्य आकर्षण है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भीम यहाँ पहाड़ों पर चढ़ाई कर रहे थे, तब उन्हें आकाशवाणी सुनाई दी। उसमें कहा गया कि अगर वह चाहते हैं कि आने वाली पीढ़ी उन्हें जन्मों तक याद रखे, तो उन्हें यहाँ एक शिव मंदिर का निर्माण करना होगा। शिव भक्ति से प्रेरित होकर भीम ने यह मंदिर बनाया। इसलिए यहाँ महादेव के साथ भीम का नाम भी जुड़ा है। यह मंदिर आज भी श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख धार्मिक स्थल है।

कर्कोटक नाग देवता का मंदिर

भीमताल में एक और रहस्यमयी जगह है – कर्कोटक पहाड़ी, जो यहाँ की सबसे ऊँची पहाड़ी है। यहाँ कर्कोटक नाग देवता का मंदिर स्थित है। ऋषि पंचमी के अवसर पर यहाँ भारी संख्या में श्रद्धालु प्रार्थना करने और भगवान के दर्शन करने आते हैं। यह मंदिर भीमताल की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को और गहरा बनाता है।

भीमताल की खासियत

  • प्राकृतिक सुंदरता: दो किलोमीटर लंबी यह त्रिभुजाकार झील पहाड़ों से घिरी हुई है, जो इसे बेहद खूबसूरत बनाती है।
  • पुराना इतिहास: नैनीताल से पहले भीमताल ही लोगों के लिए महत्वपूर्ण था, और इसका नाम भीम के अवतार से जुड़ा है।
  • मंदिरों का संगम: भीमेश्वर महादेव और कर्कोटक नाग मंदिर यहाँ के प्रमुख आकर्षण हैं।

कैसे पहुँचें भीमताल?

भीमताल नैनीताल से 25 किलोमीटर दूर है और सड़क मार्ग से आसानी से पहुँचा जा सकता है। नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम (35 किलोमीटर) और हवाई अड्डा पंतनगर (55 किलोमीटर) है। यहाँ की शांत झील और मंदिर इसे पर्यटकों के लिए खास बनाते हैं।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top