उत्तराखंड, जो अपने पारंपरिक रीति रिवाज और पर्यटन के लिए जाना जाता है, वही अपने व्यंजनों के लिए भी विश्व में प्रसिद्ध है। यहां भट्ट के डूबके और बिच्छू घास की सब्जी विश्व में प्रसिद्ध हैं। इसी प्रकार उत्तराखंड के अनाज की मांग भी दुनिया में बढ़ रही है, जिसमें भट्ट और मड़वा भी शामिल हैं।
मड़वा क्या है?
मड़वा जिसे फिंगर मिलेट या रागी भी कहा जाता है, उत्तराखंड के लोगों के लिए एक खास अनाज है। पर्वतीय क्षेत्र में इस मड़वे से विभिन्न प्रकार की व्यंजन बनाए जाते हैं, जिनमें से मड़वे की रोटी, लेशु रोटी, काफूली, और मड़वे की खीर उत्तराखंड में प्रसिद्ध हैं।
मड़वे का पौष्टिक महत्व
मड़वा एक अनाज है, जिसका वैज्ञानिक नाम Eleusine coracana है, और यह मुख्य रूप से हिमालय क्षेत्र में पाया जाता है। यह एक पोषण से भरपूर अनाज है, जिसमें विभिन्न प्रकार के विटामिन और पोषक तत्व पाए जाते हैं। भारत में इसकी खेती मुख्य रूप से उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में होती है।
मड़वे में कैल्शियम, आयरन और फाइबर प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसका उपयोग वजन घटाने और मेटाबॉलिज़्म को बेहतर बनाने में किया जाता है। इसके साथ ही यह कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करता है और पाचन तंत्र को भी मजबूत करता है।
मड़वे से बनने वाले प्रमुख व्यंजन
मड़वे से बनने वाले प्रमुख व्यंजन मड़वे की रोटी, काफूली और मड़वे की खीर हैं। मड़वे की रोटी मुख्य रूप से काले रंग की होती है, जो बेहद स्वादिष्ट और पौष्टिक होती है।
मड़वा खरीदने के स्थान
मड़वा आपको ऑनलाइन बाजार में भी मिल जाएगा, जहां से आप इसे आसानी से खरीद सकते हैं। इसके अलावा, यदि आप कभी उत्तराखंड अथवा हिमाचल प्रदेश जाएं, तो वहां भी आपको मड़वा बड़े आसानी से लोकल बाजार में देखने को मिल जाएगा।
उत्तराखंड में मड़वे की घटती खेती
उत्तराखंड में बढ़ते हुए पलायन के कारण, आज उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में लोग खेती से बहुत दूर होते जा रहे हैं, जिससे मड़वे का उत्पादन दिन प्रतिदिन कम होता जा रहा है। इसीलिए आज जरूरत है कि उत्तराखंड का युवा अपने पारंपरिक अनाजों की रक्षा के लिए कृषि क्षेत्र में नई क्रांति लाए।