उत्तराखंड का एक पवित्र तीर्थ एवं पर्यटक स्थल ऋषिकेश।

 उत्तराखंड का एक पवित्र तीर्थ एवं पर्यटक स्थल ऋषिकेश।


प्रिय पाठकों आपका MyDevBhoomi.in में स्वागत है, आज के इस लेख में हम आपको उत्तराखंड के एक तीर्थ एवं पर्यटक स्थल ऋषिकेश के विषय में बताने जा रहे हैं, यदि आप ऋषिकेश के विषय में जानना चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।

Rishikesh


ऋषिकेश समुद्र तल से 409 मीटर की ऊंचाई पर हिमालय की तलहटी में बसा एक सुंदर नगर व पवित्र पर्यटक स्थल है, यह उत्तराखंड के देहरादून जनपद का एक नगर है,जो कि हरिद्वार से 25 किलोमीटर उत्तर दिशा में तथा देहरादून से 43 किलोमीटर दक्षिण दिशा में स्थित है।

ऋषिकेश को कलकल बहती गंगा तथा इसके चारों ओर की प्राकृतिक सुंदरता मनमोहक बनाती है। ऋषिकेश अपने मंदिरों, आश्रम, बंजी जंपिंग, रिवर राफ्टिंग आदि के लिए प्रसिद्ध है, ऋषिकेश में आप बंजी जंपिंग, रिवर राफ्टिंग जैसे रोमांचक खेलों का आनंद ले सकते हैं।



ऋषिकेश का पौराणिक इतिहास ( Mythological history of Rishikesh )।


ऋषिकेश दो शब्दों से मिलकर बना है , “ऋषिक” और “एश” ,
जिसमें ऋषिक” का अर्थ है “इन्द्रिया” और “एश” का अर्थ है “भगवान या गुरु”

पौराणिक कथाओं के अनुसार ऋषि रैभ्य ने यहां ईश्वर के दर्शन के लिए कठोर तपस्या की थी उसके बाद ईश्वर ने उन्हें ऋषिकेश के रूप में दर्शन दिए, तब से इस स्थान को ऋषिकेश के नाम से जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार भगवान शंकर ने समुद्र से निकला जहरीला विष इसी स्थान पर पिया था, ऋषिकेश को केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, तथा यमुनोत्री का प्रवेशद्वार भी माना जाता है।

 हरिद्वार उत्तराखंड का एक पवित्र धार्मिक पर्यटक स्थल। 

ऋषिकेश के प्रमुख पर्यटक स्थल( Major tourist places of Rishikesh )

ऋषिकेश में अनेकों पर्यटक स्थल हैं जहां आप घूमने जा सकते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख पर्यटक स्थल इस प्रकार है -

  • राम झूला
  • लक्ष्मण झूला
  • नीलकंठ महादेव मंदिर
  • कौडियाला
  • शिवपुरी
  • राजाजी राष्ट्रीय उद्यान
  • परमार्थ निकेतन
  • वशिष्ठ गुफा


राम झूला ( Ram Jhula )। 

राम झूला  ऋषिकेश में आकर्षण का केंद्र है, राम झूला ऋषिकेश के पूर्वोत्तर में 3 किलोमीटर दूरी पर बना हुआ एक पुल है, राम झूला मुनी की रेती के शिवानंद नगर क्षेत्र को स्वर्गाश्रम से जोड़ता है, इसका निर्माण 1986 में हुआ था। 


लक्ष्मण झूला (Lakshman Jhula ) । 

पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण ने इस स्थान पर जूट की रस्सियों के सहारे नदी को पार किया था, बाद में इस स्थान पर स्वामी विशुदानंद जी की प्रेरणा से कोलकाता के सेठ सूरजमल ने 1889 में लोहे का एक पुल बनवाया जो 1924 की बाढ़ में बह गया, बाद में एक मजबूत और आकर्षक पुल बनाया गया जिसे लक्ष्मण झूले के नाम से जाना जाता है।  यह राम झूले से 2 किलोमीटर ऊपर की ओर स्थित है। 


नीलकंठ महादेव मंदिर ( Neelkhanth Mahadev

नीलकंठ महादेव मंदिर भगवान शंकर के प्रमुख मंदिरों में से एक है, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शंकर ने समुद्र से निकला विष इसी स्थान पर पिया था, नीलकंठ महादेव मंदिर ऋषिकेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। 


कौडियाला ( Kaudiyala )

कौडियाला ऋषिकेश के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है, कोडियाला गंगा नदी पर स्थित है तथा इसके चारों ओर घने जंगल है।  यह स्थान अनेकों वनस्पति तथा जंगली जीवो का घर भी है, यदि आप कौडियाला घूमने जाते हैं तो आपको कई प्रकार के जंगली जीवो के दर्शन भी हो सकते हैं । 

अगर आफ एडवेंचर एक्टिविटी के शौकिन हैं तो आप कौडियाला में व्हाइटवाटर राफ्टिंग का आनंद ले सकते हैं। 


शिवपुरी ( ShivPuri )

शिवपुरी ऋषिकेश से 19 किलोमीटर दूरी पर स्थित गंगा के तट पर बसा एक बहुत ही सुंदर स्थान है, इस स्थान का नाम भगवान शंकर के मंदिर के नाम पर रखा गया है, शिवपुरी वाटर एडवेंचर स्पोर्ट्स-खासकर व्हाइटवाटर राफ्टिंग के लिए प्रसिद्ध है


राजाजी नेशनल पार्क ( Rajaji National Park)।

राजाजी नेशनल पार्क वन तथा प्रकृति प्रेमियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है, पेड़ों से होकर गुजरने वाली हवा मन एवं मस्तिष्क को एक अलग ही शांति प्रदान करती है। राजाजी नेशनल पार्क मुख्य रूप से हाथियों एवं बाघों के लिए लोकप्रिय है, आपको राजाजी नेशनल पार्क में हाथी, बाघ, सांभर, किंग कोबरा, भालू, जंगली बिल्ली आदि देखने के लिए मिल जाएंगे।

राजाजी नेशनल पार्क का यह वन साल, टीक , आदि वृक्षों से लगा हुआ है


परमार्थ निकेतन ( Parmarth Niketan )

परमार्थ निकेतन  1000 कमरों वाला सबसे बड़ा तथा प्रसिद्ध आश्रम है, परमार्थ निकेतन में हर वर्ष हजारों तीर्थयात्री दुनिया के कोने कोने से आते हैं, परमार्थ निकेतन सभी तीर्थ यात्रियों को एक स्वच्छ वातावरण प्रदान करता है


वशिष्ठ गुफा ( Vashishta Gufa )

वशिष्ठ गुफा ऋषिकेश से 16 किलोमीटर दूर गंगा नदी के तट पर स्थित है, यह गुफा ध्यान के लिये एक प्रमुख स्थान है

वशिष्ठ गुफा गूलर के पेड़ों के बीच स्थित है। गुफा के पास ही एक शिवलिंग है। हिन्दू सन्त श्री स्वामी पुरुषोत्तमानन्द जी इस स्थान पर 1928 और 1961 में आये थे। उनका आश्रम गुफा के पास ही स्थित है जहाँ कई पर्यटक आते हैं।





कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न


ऋषिकेश में कौन से भगवान है?

ऋषिकेश में भगवान शंकर का प्रसिद्ध मंदिर नीलकंठ महादेव मंदिर स्थित है, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शंकर ने समुद्र से निकला विष इसी स्थान पर पिया था।


ऋषिकेश में क्या प्रसिद्ध है?

ऋषिकेश अपने आश्रमों, मंदिरों, योग, मठ तथा बंजी जंपिंग, रिवर राफ्टिंग जैसे खेल इत्यादि के लिए प्रसिद्ध है


ऋषिकेश कब जाना चाहिए?

ऋषिकेश हिमालय की तलहटी में स्थित है इसलिए यहां गर्मियों के समय में जाना अच्छा रहता है, आप ऋषिकेश मार्च-अप्रैल से लेकर सितंबर अक्टूबर के बीच कभी भी जा सकते हैं


हरिद्वार की दूरी कितनी है ?

हरिद्वार से ऋषिकेश की दूरी लगभग 25 किलोमीटर है।


ऋषिकेश कैसे जाएं?

ऋषिकेश जाने के लिए आप ट्रेन और बस दोनों से सफर कर सकते हैं

यदि आप बस से ऋषिकेश जाना चाहते हैं तो आपको इसके लिए उत्तराखंड रोडवेज की बसें बहुत ही आसानी से मिल जाएंगी, इसके साथ ही आप ऋषिकेश टैक्सी से भी जा सकते हैं।


यदि आप ट्रेन से ऋषिकेश जाना चाहते हैं तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ऋषिकेश का स्टेशन बहुत छोटा है जिस कारण यहां कम ट्रेन ही जाती है, ऋषिकेश के लिए ट्रेन आपको हरिद्वार से आसानी से मिल जाएंगी।


यदि आप हवाई मार्ग से ऋषिकेश जाना चाहते हैं तो आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि ऋषिकेश का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट जौलीग्रांट देहरादून है, तो आपको सबसे पहले हवाई मार्ग से देहरादून आना होगा उसके बाद आपको ऋषिकेश के लिए बस और टैक्सी आसानी से मिल जाएगी।













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