हरिद्वार उत्तराखंड का एक पवित्र धार्मिक पर्यटक स्थल ।

हरिद्वार उत्तराखंड का एक पवित्र धार्मिक पर्यटक स्थल ।


प्रिय पाठकों आपका MyDevBhoomi.in में स्वागत है, आज के इस लेख में हम आपको उत्तराखंड के एक तीर्थ एवं पर्यटक स्थल हरिद्वार के विषय में बताने जा रहे हैं, यदि आप हरिद्वार के विषय में जानना चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें। 

Haridwar


हरिद्वार से क्या अभिप्राय है ( What is meant by Haridwar )?

हरिद्वार का शाब्दिक अर्थ है, "हरि तक पहुंचाने वाला द्वार", हरिद्वार उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में स्थित हिंदुओं का एक पवित्र एवं पौराणिक स्थल है, जिस का पुराना नाम मायापुरी था। 


हरिद्वार का इतिहास ( History of Haridwar.)। 

हरिद्वार उत्तराखंड के पश्चिमी भाग में स्थित हिंदुओं का एक पवित्र तीर्थ एवं पर्यटक स्थल है, जो कि हरिद्वार जिले में है।  हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार हरिद्वार को मायापुरी, गंगाद्वार जैसे नामों से पुकारा गया है , आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हरिद्वार का पुराना नाम मायापुरी है जिसकी सप्त मोक्षदायिनी पुरियों में गणना की जाती थी।


प्राचीन ग्रंथों में सप्त मोक्षदायिनी पुरियों का वर्णन कुछ इस प्रकार किया गया है -

अयोध्या मथुरा माया काशी कांची अवंतिका।

पुरी द्वारावती चैव सप्तैता मोक्षदायिकाः॥


पौराणिक मान्यताओं के अनुसार समुद्र मंथन के समय अमृत की कुछ बूंदें हरिद्वार में भी गिरी थी, जिस कारण हर 12 वर्ष में यहां कुंभ का मेला लगता है जिसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु एवं साधु संत आते हैं। 

हरिद्वार के विषय में यह भी कहा जाता है कि , हरिद्वार में ऋषि कपिल मुनि ने तपस्या की थी और इसीलिए हरिद्वार को “कपिलास्थान” के नाम से भी जाना जाता है। 

पौराणिक मान्यता के अनुसार राजा श्वेत ने हर की पौड़ी में भगवान ब्रह्मा जी की पूजा की थी, जब भगवान ब्रह्मा जी ने प्रसन्न होकर वरदान मांगने को कहा तो राजा श्वेत ने भगवान ब्रह्मा जी से यह वरदान मांगा की इस स्थान को भगवान के नाम से जाना जाए, तब से हर की पौड़ी के जल को ब्रह्मकुण्ड के नाम से जाना जाता है। 



हरिद्वार के प्रमुख धार्मिक स्थल ( Major religious places of Haridwar) । 

वैसे तो हरिद्वार अपने आप में ही एक पवित्र धार्मिक स्थल है परंतु यहाँ पर कुछ विश्वविख्यात मंदिर, तथा धार्मिक स्थल है , यदि आप कभी हरिद्वार जाते हैं तो आपको इन मंदिरों, तथा धार्मिक स्थलों के दर्शन अवश्य करने चाहिए। 


हर की पौड़ी (har ki pauri)

हर की पौड़ी हरिद्वार में स्थित प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है , हर की पौड़ी को ब्रह्मकुंड के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि हर की पौड़ी मैं एक बार डुबकी लगाने से जन्म जन्म के पाप धुल जाते हैं तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है।

हर की पौड़ी में संध्या के समय गंगा आरती की जाती है, जिसमें पुजारी अपने हाथ में बड़े-बड़े दिए लेकर इस पावन स्थान की आरती करते करते हैं, यह दृश्य देखने में बहुत ही सुंदर लगता है

इसलिए यदि अगर आप पर जाएं तो गंगा आरती अवश्य देखें


चंडी देवी मंदिर ( Chandi Devi Temple )

चंडी देवी मंदिर नील पर्वत पर स्थित है, यह मंदिर पूजा पाठ के साथ-साथ ट्रैकिंग के लिए भी प्रसिद्ध है, ऊंचाई पर स्थित होने के कारण यहां हर वर्ष भक्त पूजा पाठ के साथ-साथ ट्रैकिंग भी करते हैं।

चंडी देवी मंदिर हरिद्वार के प्रमुख 5 तीर्थ स्थलों में से एक है, यहां पर भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं, और ईश्वर से उन मनोकामनाओं के पूरे होने की प्रार्थना करते हैं।

यदि आप कभी हरिद्वार जाएं तो आपको चंडी देवी मंदिर के दर्शन अवश्य करने चाहिए।


मनसा देवी मंदिर (Mansa Devi Temple)।

मनसा देवी मंदिर हरिद्वार का एक प्रमुख एवं लोकप्रिय मंदिर है जो कि शिवालिक पहाड़ियों के बिल्वा पर्वत पर स्थित है, मनसा देवी को शक्ति का स्वरूप माना जाता है, माना जाता है कि मनसा देवी अपने भक्तों की सभीमनोकामनाओं को पूरी करती हैंमनसा देवी मंदिर में हर वर्ष लाखों श्रद्धालु आते हैं तथा यहां भक्तों की भीड़ लगी रहती है, भक्त यहां अपनी मनोकामनाओं को लेकर आते हैं, और भक्तों की यह आस्था है की मनसा देवी उनकी मनोकामना को पूरा करेंगी

मनसा देवी मंदिर हरिद्वार के लोकप्रिय धार्मिक स्थलों में से एक है।


भारत माता मंदिर ( Bharat Mata Mandir)

भारत माता मंदिर भारत माता को समर्पित है, यह एक बहुमंजिला इमारत है, जोकि सप्त सरोवर में स्थित है। इस मंदिर में किसी भी धार्मिक भगवान की प्रतिमा नहीं है, अपितु भारत माता मंदिर की जमीन पर भारत का विशाल नक्शा बना हुआ है जो कि भारत माता की प्रतिमा को दर्शाता है, जिसमें केसरिया वस्त्र पहने हुए हैं।

भारत माता मंदिर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को समर्पित है, जो कि भारत की विस्तृत संस्कृति को प्रदर्शित करता है


वैष्णो देवी मंदिर (Vaishno Devi Temple)

"हरिद्वार का वैष्णो देवी मंदिर", "कश्मीर के वैष्णो देवी मंदिर" का एक छोटा रूप है। यह मंदिर ऊंचाई पर स्थित है जिस कारण यहां भक्त तथा प्रकृति प्रेमी बड़ी संख्या में आते रहते हैं, इस मंदिर में तीन प्रतिमाएं हैं जोकि माता सरस्वती, माता लक्ष्मी, मां काली की है। इन प्रतिमाओं को बेहद ही महीनता से उकेरा गया है।

वैष्णो देवी मंदिर अपनी वास्तुकला तथा गुफाओं के लिए चर्चित है, हरिद्वार के वैष्णो देवी मंदिर में आपको कश्मीर के वैष्णो देवी मंदिर के बराबर चढ़ाई तो नहीं चढ़ी नहीं पड़ेगी, परंतु आप यह कह सकते हैं कि यह कश्मीर के वैष्णो देवी मंदिर का एक छोटा रूप है।

वैष्णो देवी मंदिर हरिद्वार के लोकप्रिय मंदिरों में से एक है


कुंभ मेला (Kumbh Mela)

हरिद्वार में हर 12 वर्ष में कुंभ का मेला आयोजित होता है, जिसमें देश-विदेश से लाखों- करोड़ों श्रद्धालु आते हैं। हरिद्वार कुंभ के मेले में साधु संतों का जमावड़ा लगा रहता है, आपकी जानकारी के लिए बता दें हरिद्वार कुंभ के मेले में केवल भारत देश से ही साधु संत नहीं आते बल्कि यहां पूरे विश्व से साधु संत तथा श्रद्धालु आते हैं।

हरिद्वार कुंभ के मेले में नागा साधु तथा अघोरी साधु आकर्षण का केंद्र रहते हैं, विश्व भर से आए लोग इन साधुओं की तपस्या तथा त्याग व शक्ति को देखकर दंग रह जाते हैं।



हरिद्वार के अन्य दर्शनीय स्थल ( Attractions in Haridwar)


राजाजी नेशनल पार्क ( Rajaji National Park)।

राजाजी नेशनल पार्क वन तथा प्रकृति प्रेमियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है, पेड़ों से होकर गुजरने वाली हवा मन एवं मस्तिष्क को एक अलग ही शांति प्रदान करती है। राजाजी नेशनल पार्क मुख्य रूप से हाथियों एवं बाघों के लिए लोकप्रिय है, आपको राजाजी नेशनल पार्क में हाथी, बाघ, सांभर, किंग कोबरा, भालू, जंगली बिल्ली आदि देखने के लिए मिल जाएंगे।

राजाजी नेशनल पार्क का यह वन साल, टीक , आदि वृक्षों से लगा हुआ है।


पतंजलि योगपीठ(Patanjali Yogpeeth)

पतंजलि योगपीठ देश के बड़े आयुर्वेदिक संस्थानों में से एक है, इसका नाम योग के खोजकर्ता ऋषि पतंजलि के नाम पर रखा गया है। पतंजलि योगपीठ योग, आयुर्वेद, शिक्षा तथा सामाजिक कार्यों के लिए प्रसिद्ध है। योग, आयुर्वेद इत्यादि में रुचि रखते हैं तो आपको पतंजलि योग पीठ में अवश्य जाना चाहिए।


नोट -- यदि आप आयुर्वेदिक उत्पादों में रुचि रखते हैं, तो आप पतंजलि के हर्बल उत्पादों का प्रयोग भी कर सकते हैं यह आपको आपकी निजी बाजार में बहुत ही आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं


स्वामी विवेकानंद पार्क(Swami Vivekananda Park)

स्वामी विवेकानंद पार्क हर की पौड़ी के समीप स्थित है तथा इस पार्क को त्रिकोण के आकार में बनाया गया है। यात्री स्वामी विवेकानंद पार्क में हर की पौड़ी का सुंदर नजारा देखने के लिए आते हैं, स्वामी विवेकानंद पार्क में स्वामी विवेकानंद की मूर्ति स्थापित है।

स्वामी विवेकानंद पार्क में हरी घास के लंबे लोन तथा फूलों से बिछी चादर लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है, यह पार्क सुबह 7:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक खुला रहता है।



हरिद्वार कैसे जाएं (how to reach haridwar)

हरिद्वार जाने के लिए आप बस और ट्रेन दोनों से सफर कर सकते हैं। यदि आप हवाई सफर से हरिद्वार आना चाहते हैं तो आपको बता दें कि हरिद्वार में कोई भी हवाई अड्डा नहीं है इसलिए आपको सबसे पहले Jolly Grant Airport आना होगा, जो कि देहरादून में है अब आपको देहरादून से हरिद्वार के लिए बस और ट्रेन बहुत ही आसानी से मिल जाएगी।


हरिद्वार में रहने की व्यवस्था कैसी है (How is the arrangement of living in Haridwar )


यदि आप हरिद्वार घूमने के लिए आना चाहते हैं, तो आपको यहां होटल और धर्मशालाएं दोनों मिल जाएंगी। जो होटल ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा प्रदान करते हैं, आप उन्हें हरिद्वार आने से पहले हीअपने लिए बुक करवा सकते हैं।



यदि इस लेख में कहीं भाषा की त्रुटि है, तो हमें अवश्य बताएं

धन्यवाद

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